दिल्ली के हरिनगर इलाके से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. एक 8 वर्ष के बच्चे को उसकी सौतेली मां द्वारा बहुत बुरी तरह से मारा पीटा जा रहा था. बच्चे की चीखें सुन मंगलवार को पड़ोस के लोगों ने दिल्ली महिला आयोग (DCW) के हेल्पलाइन नंबर पर इसकी सूचना दी. अयोग ने मौके पर पहुंचकर बच्चे को बचाया.
आयोग ने हेल्पलाइन नंबर 181 पर आई कॉल के तुरंत बाद टीम गठित की जो की मौके पर पहुंची. शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने कई बार इसकी कम्पलेन पुलिस को भी की थी, लेकिन पुलिस द्वारा इसे घर का केस बताकर कोई कार्रवाई नहीं की गई. शिकायतकर्ता ने अपने फोन में एक वीडियो भी दिखाई जिसमें बच्चा चीखता हुआ दिखाई और सुनाई दे रहा है और उसे पीटने की भी आवाजें सुनाई दे रही हैं. इतना ही नहीं, टीम जिस समय मौके पर पहुंची उस समय भी घर से बच्चे के रोने और चीखने की आवाजें सुनाई दे रही थीं. आयोग ने पुलिस को फोन कर पीसीआर वैन को बुलाया और बच्चे को घर से सुरक्षित बाहर निकाला. इसके बाद बच्चे और उसकी सौतेली मां को हरिनगर पुलिस थाने ले जाया गया.
बच्चे की काउंसलिंग की गई
पुलिस थाने ले जाकर बच्चे की काउंसलिंग की गई. बच्चा बहुत डरा हुआ था और कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था, हालांकि काउंसलिंग के बाद बच्चे ने अपनी आपबीती बताई. बच्चे ने बताया कि उसके साथ रोज उसकी सौतेली मां द्वारा हाथापाई की जाती थी, कई बार उसे खाना नहीं दिया जाता था और ना ही उसे घर से बाहर निकलने दिया जाता था. बच्चे ने बताया कि जब मां बाहर जाती थी तो उसे रस्सी से बांधकर जाती थी. आयोग के बताया कि बच्चे के हाथ पर जख्मों के निशान उसके साथ हुई बर्बरता की कहानी साफ दर्शाते हैं. उसके हाथ पर कंघी से हमला करने के भी निशान हैं, जिसकी वजह से हाथ में छोटे गहरे घाव हो गए हैं. उसके पूरे हाथ सूजे हुए हैं. पीठ पर नोंचने के निशान हैं. सिर में अमानवीय चोटें हैं और पूरे शरीर पर गंभीर जख्म हैं. अच्छी तरह से खाना न मिलने के कारण बच्चा निर्बल भी हो गया है.
बच्चे को मेडिकल जाँच के बाद पिता को सौंपा गया
बच्चे के बयान के आधार पर इस मुद्दे में हरिनगर पुलिस थाने में कम्पलेन दर्ज कराई गई है. बच्चे को मेडिकल जाँच के लिए ले जाया गया. जाँच के बाद बच्चे को आश्रयगृह ले जाया गया और उसके बाद बुधवार को उसे चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के सामने पेश किया गया. कमेटी ने बच्चे के पिता को बुलवाया, पिता ने बताया कि ये उसकी दूसरी विवाह है और लॉकडाउन के बाद से ही वो मुंबई में रह रहा था और उसका बच्चा दिल्ली में उसकी पत्नी के साथ रह रहा था. कमेटी के समक्ष बच्चे के पिता ने लिखित आश्वासन दिया कि वो बच्चे की सुरक्षा का ध्यान रखेगा और बच्चा मैंगलोर में अपने दादा दादी के पास रहेगा. इसके चलते कमेटी ने बच्चे को उसके पिता को सौंप दिया है.
स्वाति मालीवाल ने अफसोस जताया
इस मुद्दे का संज्ञान लेते हुए DCW अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को पत्र लिखकर अफसोस जताया है. उन्होंने बोला कि न तो अब तक सौतेली मां के विरूद्ध एफआईआर दर्ज हुई है और उल्टा बिना जांच-पड़ताल बच्चे को उसके पिता को सौंप दिया गया है. उन्होंने पत्र में लिखा है कि बच्चा अपनी दादी के साथ रहना चाहता है पर उसे उसके पिता के साथ बिना किसी जांच-पड़ताल के जाने देना कितना ठीक होगा, जबकि पिता ने भी बच्चे की सुध नहीं ली. उन्होंने कमेटी से निवेदन करते हुए लिखा है कि मुद्दे में सौतेली मां के विरूद्ध एफआईआर कराएं और ये सुनिश्चित किया जाए की बच्चा सुरक्षित उसकी दादी के पास मैंगलोर पहुंच जाए.
स्वाति मालीवाल ने बोला कि ये मामला बहुत अधिक संगीन और डराने वाला है. आयोग ने अपने काम क्षेत्र से बाहर जाते हुए छोटे बच्चे को बचाया. नन्हें से मासूम के साथ इस प्रकार की हाथापाई और दुर्व्यवहार पूरी मानवता को शर्मसार करता है. इतने गंभीर मुद्दे में भी एफआईआर दर्ज न होना बहुत ही दुखद है. आयोग ने बोला कि पुलिस को नोटिस भेज रहे हैं.