चीनी प्रभाव से निपटने के लिए रिपब्लिकन पार्टी ने उठाए कदम, संसद में पेश किए गए कई बिल

बढ़ते चीनी प्रभाव और देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की रक्षा के लिए रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े सांसदों ने गुरुवार को अमेरिकी संसद में एक दर्जन से अधिक बिल पेश किए गए। बता दें कि मौजूदा दौर में अमेरिका और चीन के बीच संबंध बिल्कुल निम्न स्तर पर पहुंच गए हैं। व्यापार, कोरोना वायरस की उत्पत्ति और दक्षिण चीन सागर में बीजिंग की आक्रामक गतिविधियों को लेकर वाशिंगटन कई बार आपत्ति दर्ज करा चुका है।
अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के शपथ ग्रहण के बाद अमेरिकी संसद में चीन के खिलाफ इतने बड़े पैमाने पर बिल पेश किए गए। हालांकि, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समय चीन और अमेरिका के संबंध काफी तल्ख हो गए थे। कोरोना वायरस के प्रसार के लिए ट्रंप ने सीधे चीन को जिम्मेदार ठहराया था। दक्षिण चीन सागर, हिंद महासागर, ताइवान और हांगकांग जैसे कई मुद्दों पर चीन से सीधे उनका टकराव था। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नए राष्ट्रपति बाइडन के चीन के साथ किस तरह के रिश्ते रहते हैं। खासकर तब जब चीन ने अमेरिका के सहयोगियों को निशाने पर लिया है।
सीनेटर रिक स्कॉट ने 'ताइवान इनवेशन प्रिवेंशन एक्ट' पेश किया। इसमें ताइवान को चीन के आक्रमण से बचाने के साथ अमेरिका-ताइपे संबंधों को मजबूत बनाने की बात कही गई है। दरअसल, बीजिंग, ताइवान को अपना ही हिस्सा मानता है। वह कई बार उसे बलपूर्वक चीन में मिला लेने की धमकी भी दे चुका है। सांसद मार्क ग्रीन ने पांच बिल पेश किए। उन्होंने कहा कि सैन्य और आर्थिक ताकत के तौर पर कम्युनिस्ट चीन का उदय आज अमेरिका के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने एक ऐसा बिल पेश किया है, जिसके तहत चीन अमेरिका से जुड़ी कमजोर रक्षा कंपनियों को नहीं खरीद सकेगा। सांसद जिम बैंक्स ने भी पांच बिल पेश करते हुए कहा कि अमेरिकी स्वतंत्रता को सबसे बड़ा खतरा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से है।